Tuesday, 7 February 2017

महाशिवरात्रि

परम श्रद्धेय “ अर्चना दीदी “ का दिव्य संदेश ।
हम में से प्रत्येक व्यक्ति यह मानता है कि कहीं कोई अज्ञात सत्ता, कोई अज्ञात शक्ति है जो इस संपूर्ण सृष्टि को नियंत्रित कर रही है । कहीं न कहीं कुछ रहस्य है, कोई शक्ति है, कोई सत्ता है जो शाश्वत है, जो हमारे मन एवं बुद्धि से परे है ।
यह सृष्टि किसी शक्ति से संचालित है । नदियाँ, पहाड़, वन, अंतरिक्ष आदि – इस विशाल सृष्टि के नियामक है । सृष्टि  में इतने जीव जन्तु हैं – उनका जन्म होता है, वह जीवन धारण करते हैं, फिर मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं । कौन है जो यह व्यवस्था करता है । कौन है वह अज्ञात शक्ति ।
जीवन में बहुत कुछ हमारे हाथ में होता है, हम अपने कर्म एवं परिश्रम से बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हैं किंतु बहुत से आयामों में हम विवश होते हैं, जीवन की बहुत सी ऐसी पहेलियाँ होती हैं जिनका उत्तर हम खोज नहीं  पाते । तब हम उस अज्ञात सत्ता से प्रार्थना करते हैं, हमारा अहंकार विगलित होता है तथा हमारे सिर उसके चरणों में झुक जाता है ।
उस अज्ञात शक्ति को हमने विभिन्न नामों से पुकारा, विभिन्न रूपों में ध्यान किया । उसी एक शक्ति को हम ईश्वर, परमात्मा, भगवान, अल्लाह, खुदा, परमेश्वर, वाहेगुरु आदि विभिन्न नामों से पुकारते हैं । कोई उस सत्ता को निराकार रूप में, प्रकाश स्वरूप में, ज्योति स्वरूप में विश्वास रखता है तो कोई उसे साकार रूप में भजता है ।
वह सत्ता सर्वव्यापक है, सर्वशक्तिमान है, सर्वोच है, सूक्ष्म है वही हमारे जन्म तथा मरण को नियंत्रित करती है । उसे ही हम माता–पिता, भाई बन्धु कहकर पुकारते हैं ।
हिंदू धर्म में उसके जन्म देने वाले स्वरूप को ब्रह्मा, पोषण देने वाले रूप को विष्णु तथा संहारक रूप को महेश कहा गया है | ब्रह्मा – विष्णु – महेश उसी के स्वरूप हैं | भगवान राम, भगवान कृष्ण, माँ दुर्गा आदि अनेक-अनेक देवी देवताओं की पूजा का प्रचलन हिंदू धर्म में हुआ । दूसरी ओर उसके ज्योतिस्वरूप, निराकार व निर्गुण रूप के मानने वाले सम्प्रदाय भी हैं । इसी प्रकार विभिन्न धर्मो में उसके प्रतीक महावीर स्वामी, जीज़स, वाहेगुरु आदि स्वरूपों की पूजा का प्रचलन हुआ।
किसी भी रूप की पूजा करें, किसी का भी ध्यान करें, किसी भी मंत्र का जाप करें, वह शक्ति एक ही है । जल बर्फ के रूप में हो अथवा विष्णु के रूप में, वह जल ही है । इसी प्रकार स्वरूप कुछ भी हो, शक्ति एक ही है । उन्हीं विभिन्न नामों तथा रूपों में एक नाम शिव भी है ।शिव अर्थात कल्याण ।उस शक्ति को, कल्याण करने वाले स्वरूप को हम शिव के रूप में पूजते हैं ।सत्य शिव सुंदर उसी का रूप है । वह सत्य है , परम सत्य है ; शिव अर्थात कल्याण करता  है तथा परम सुंदर, पूर्ण है । उस शिव स्वरूप की  शिवलिंग के रूप में आराधना का विशेष दिवस है शिवरात्रि
ईश्वर के विभिन्न रूपों की आराधना का अपना विशेष महत्व है किंतु नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार कुछ तिथियाँ, कुछ दिवस ऐसे होते हैं कि यदि उन तिथियों में ईश्वर के उस विशेष स्वरूप की आराधना की जाए तो उनका विशेष फल होता है | जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की आराधना, नवरात्रों में शक्ति आराधना, बुद्ध जयन्ती के दिन बुद्ध की पूजा, महावीर जयन्ती के दिन महावीर की आराधना ------ इसका अपने विशेष महत्व है | इन दिनों में स्वरूप विशेष की उपासना कर हमे उसके और निकट हो जाते हैं तथा उसकी कृपाओं के पाने के अधिकारी बन जाते हैं |
इसी श्रृंखला में शिवरात्रि के दिन भगवन शिव की उपासना का विशेष महत्व है । उपासना का अर्थ ही है निकट बैठना – उप + आसन । उप अर्थात – निकट आसन अर्थात बैठना । इस विशेष तिथि में श्रद्धापूर्वक जब हम पूजा करते हैं तो ईश्वर के और निकट हो जाते हैं तथा निकट होते ही उसका प्रतिबिम्ब हमारे भीतर  झलकने  लगता है । उस परम सत्ता के गुणों का कुछ अंश हमारे भीतर भी प्रवेश करने लगता है | चेतना की अह्वर्गति होने लगती है |
शिवरात्रि की पावन वेला में, पावन दिवस पर आप सभी के लिए बहुत बहुत आशीर्वाद । आपके जीवन, घर – परिवार में प्रेम शांति तथा प्रसन्नता की वृद्धि हो । आपकी साधना, भक्ति तथा ज्ञान आगे बढ़े । जिस प्रकार शिवलिंग पर कलश के माध्यम से जल की धारा निरंतर अर्पित होती रहती है, उसी प्रकार आपके मन की धारा निरंतर ईश्वर की ओर प्रवाहित हो तथा आप ईश्वर की कृपाओं को पाने के अधिकारी बनें ।





3 comments:

  1. During one of the meditation camp in Delhi ( SHIVOHAM CHAKRA MEDITATION) deep esoteric and spiritual secrets were revealed about Shivlings and lord Shiva by Dhyan Guru "ARCHNA DIDI". Didi mentioned about the importance of the shape of Shivling and how we can connect out sadhna with the Shivlings present in our subtle bodies. The divinity and blessings received there were totally transforming and took everyone in trance.

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  2. हरि ॐ गुरू मॉं
    आपकी इस व्याख्या और आशीरवाद के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
    आपके शृी चरणों में कोटी कोटी नमस्कार

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  3. Om namah Shivay is a very powerful mantra. Lord Shiva has also been called the Master of life. The Shivoham Chakra Meditation taught by our Sadguru Archna didiji was very effective. It helps in activating and balancing of all the seven chakras, reduces stress, improves metabolism and energy level. Hari om

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