Friday, 23 December 2016

“ नव वर्ष में नवसंकल्प “




परम सत्ता द्वारा रचित यह सृष्टि सौंदर्य का आगार है | चहुँ ओर परम का सौंदर्य बिखरा है तथा मनुष्य का जीवन तो इतना सौन्दर्यपूर्ण एवं आनंदपूर्ण है कि उसका प्रत्येक क्षण मूल्यवान है | आवश्यकता है तो मात्र उस विवेकपूर्ण दृष्टि की जो इस सौंदर्य का पान कर सके | मनुष्य के जीवन की सभी अवस्थाएँ – शैशव, किशोरावस्था, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था एवं वृद्धावस्था अपना एक विशेष सौंदर्य लिए हुए हैं तथा जब समय के साथ व्यक्ति एक अवस्था से दूसरी अवस्था में प्रवेश करता है तो उस परिवर्तन का भी एक अलग ही आनंद, एक अलग ही सौंदर्य है | वास्तव में परिवर्तन का जो नियम सृष्टि का आधार है, वही जीवन को सौन्दर्यपूर्ण करता है | यदि सदा एक ही अवस्था, एक ही परिस्थिति बनी रहे तो जीवन का रस समाप्त हो जाता है, जीवन नीरस हो जाता है | जीवन को रसपूर्ण बनाता है ---- परिवर्तन | यही कारण है कि व्यक्ति सदैव नवीनता का स्वागत करता है | वह जीवन में कुछ नया चाहता है | यह नवीनता ही मनुष्य के भीतर उत्साह, उमंग, नवऊर्जा एवं कर्मठता का संचार करती है | नवजात शिशु का जन्म, नववधू का आगमन, नवीन गृह में प्रवेश, नवीन कार्य का प्रारम्भ,  नवीन अध्याय का प्रारम्भ ---   जीवन की ये सभी घटनाएँ, सभी पड़ाव मनुष्य के जीवन में नवऊर्जा लेकर आते हैं तथा इन्हीं पड़ावों में से एक है --- नववर्ष का आगमन |

जिस प्रकार सूर्योदय प्रतिदिन मनुष्य के भीतर कर्मठता एवं उत्साह का संचार कर देता है, उसी प्रकार नववर्ष प्रतिवर्ष मनुष्य के भीतर नई उमंग, नए संकल्प तथा नई प्रेरणा लेकर आता है | इधर गत वर्ष अतीत में खिले एक सुंदर पुष्प की भांति समय के गर्भ में समा रहा है जिसकी पंखुड़ियों रूपी स्मृतियाँ आपके मानस पटल पर अंकित है तथा उधर नववर्ष खिलती कली की भांति पुष्प में परिवर्तित होने की स्थिति में है जो आपके कोमल स्पर्श, प्रेमपूर्ण दृष्टि तथा उत्साह, उमंग एवं नवऊर्जा पूर्ण देख-रेख की प्रतीक्षा कर रहा है | सन्धि की यह वेला अत्यंत महत्वपूर्ण है | अतीत की उपलब्धियों के लिए स्वयं की पीठ थपथपाएं, असफलताओं से शिक्षा लें तथा नवसंकल्प के साथ नववर्ष का अभिनंदन करें | नवनिर्माण, नवसृजन, नवप्रेरणा, नवजीवन, नवउत्साह का बांहें फैलाकर स्वागत करें |आपका अतीत भी उज्ज्वल था, भविष्य भी उज्ज्वल है, आत्मविश्वास के साथ वर्तमान के एक – एक क्षण को सम्भाल लें | अपने जीवन को सार्थक करने के लिए कुछ संकल्प लें और सद्गुरु एवं ईश्वर से प्रार्थना करें कि वे आपको इन संकल्पों को पूरा करने की शक्ति  प्रदान करें | प्रकृति ने जो विशेषता, जो सद्गुण, जो कुशलता आप के भीतर दी है, उसे पहचानें, उसका विकास करें तथा जो गुण आप प्राप्त करना चाहते हैं, व्यक्तित्व में समाहित करना चाहते हैं, उनकी प्राप्ति के लिए प्रयासरत होने का संकल्प करें | अतीत की घटनाओं, अनुभवों एवं त्रुटियों से शिक्षा ग्रहण करें तथा भविष्य में उन्हें न दोहराने का संकल्प लें | दृढ़ता के साथ संकल्पबद्ध होकर जब आप आगे बढ़ेंगे तो पाएंगे कि सफलता के द्वार आपके लिए खुल रहे हैं | यह समय है संकल्पबद्ध होने का, यह अवसर है आत्म – विश्लेष्ण, आत्ममंथन एवं आत्मसुधार करने का, यह वेला है आत्म शोधन की | नवउत्साह एवं नवउमंग के साथ नववर्ष का स्वागत करें | सांसारिक एवं आध्यात्मिक दोनों क्षेत्रों में सफलता की ओर बढ़ने के लिए संकल्पबद्ध हों | आप सभी के लिए मेरा आशीर्वाद है कि यह आने वाला वर्ष आपके लिए ईश्वर की अनंत कृपाएँ लेकर आए |


1 comment:

  1. blessed to have been guided by "didi" this new year :)
    Hari om :)

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