सृष्टि की सर्वोच्च निराकार सत्ता की भिन्न - भिन्न रूपों में अवधारणा की गयी है। इन्हीं में से एक रूप है - अष्टभुजाधारी माँ जगदम्बा, माँ शक्ति, माँ भवानी का ममता व स्नेहपूर्ण शक्ति स्वरूप।
यही शक्ति कुंडलिनी शक्ति के रूप में हमारे सूक्ष्म शरीर में सुप्त अवस्था में रहती है।
अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त *ध्यान गुरु अर्चना दीदी* की दिव्य उपस्थिति में चक्रों की साधना द्वारा इस शक्ति को जागृत करने का सुनहरा अवसर है -- *शक्ति साधना*
नवरात्र की शुभ वेला से पूर्व इस साधना द्वारा उस परम् ऊर्जा से स्वयं को ऊर्जान्वित करने तथा परम् शक्ति के आवाह्न के लिए आप सादर आमन्त्रित हैं।
चक्र साधना द्वारा इस कुंडलिनी शक्ति के महारहस्य को सद्गुरु ही उद्घाटित कर सकते हैं।
अतः दीदी के सान्निध्य में इस दुर्लभ अवसर का लाभ अवश्य लें ।
हज़ार कार्य छोड़कर भी यह अवसर मिल जाए तो चूकें नहीं।
ऐसा स्वर्णिम अवसर जीवन में मिलना दुर्लभ है ।
*शक्ति साधना के लाभ :-*
1. चक्रों का सक्रियकरण।
2. शारीरिक , मानसिक एवं आत्मिक उन्नति।
3. शरीर, मन और बुद्धि का शुद्धिकरण।
4. कुंडलिनी शक्ति का जागरण व सक्रियकरण।
5. परम् शक्ति से एकीकरण।
6. प्राणीमात्र के प्रति प्रेम का विकास।
7. आत्म विश्वास तथा क्षमताओं से वृद्धि।
8. भीतर निहित संभावनाओं की जागृति।
9. माँ काली, माँ लक्ष्मी, माँ सरस्वती के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान।
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