Tuesday, 19 November 2019

Maharaas Dhyaan Shivir


*The real meaning of Maharaas is* : -

Reaching a stage of Param Aanand in Nritya when the union of a soul takes place with the divine. In simple words "Jeev aur Brhman ka milan".

It is not an ordinary raasleela, it was played by Lord Krishna with his shakti Shree Radha and his inner strengths in the form of Gopis which created a divine leela.

The only way to get the spiritual experience of the Maharas is to sit in the shelter of a perfect soul and get into it by meditation.
This rare occasion is coming before all of us in the form of - Maharas Sadhana Camp in the Divine Presence of *Meditation Guru "ARCHNA DIDI"*. You are cordially invited to receive the benefits of this golden opportunity.

*Benefits of Maharas Sadhana Camp*

- Achieving spiritual pleasure.
- Freedom from all kinds of fear in life.
- Freedom from frustration caused by any reason.
- Awakening of selfless love in the heart.
- Because of generation of immense energy, Kundalini awakening and beginning of Divine journey can be experienced.
- Growth of love in worldly and family affairs.
- Both mental and spiritual progress can be achieved.
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Friday, 18 October 2019

आरोहण - प्रकाश की ओर

                               


                          आरोहण  - प्रकाश की ओर

हमारे ऋषि मुनियों, महापुरुषों, ग्रन्थों आदि ने मानव योनी को उत्तम माना है | मानव देह वह स्वच्छंद व्योम है जिसमें जीवात्मा किसी भी ऊंचाई तक उड़ान भरने के लिए स्वतंत्र है | यह जीवात्मा के लिए वह सुंदर अवसर है जब वह देवत्व की ओर अग्रसर हो सकता है | इस योनि में ईश्वर ने अनंत संभावनाएं प्रदान की हैं | यह अवसर है अन्धकार से प्रकाश की ओर यात्रा का |
संसार के आकर्षण, मन की चंचलता एवं विषय हमें अन्धकार की ओर खींचते हैं तो दुसरी ओर परमात्मा का आकर्षण, मन की पवित्रता व स्थिरता , साधना , ध्यान , भक्ति हमें प्रकाश का मार्ग दिखाते हैं | महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि अन्धकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होने की संभावना केवल और केवल मनुष्य देह में ही है | यही कारण है कि इस जीवन के एक एक क्षण को मूल्यवान माना गया है | प्रतिक्षण व्यक्ति इस दोहराहे पर खड़ा होकर स्वयं से जूझता है | एक ओर उसे इन्द्रधनुषी रंगों से सुसज्जित संसार दिखाई देता है तो दूसरी ओर अज्ञात सत्ता, परमात्मा का घूमिल प्रतिबिम्ब दृष्टिगोचर होता है | आश्चर्य का विषय है की जो संसार अत्यंत आकर्षक, अत्यंत मोहक तथा चकाचोंध से पूर्ण प्रतीत होता है, उसके पीछे गहन अन्धकार है तथा परमात्मा का जो मार्ग, जो लोक नीरस, आकर्षणहीन तथा कठिन प्रतीत होता है, उसके पीछे वह दिव्य प्रकाश छिपा है जिसमें विलीन होना मानव का अंतिम गन्तव्य है | अन्धकार से प्रकाश की ओर उन्मुख होकर प्रकाशमय होना ही जीवात्मा का लक्ष्य है |
यही पावन संदेश लेकर प्रतिवर्ष दीवाली का त्यौहार हमारे द्वार खटखटाता है | इस मांगलिक अवसर पर धरा के आंगन में प्रज्ज्वलित अनगिनत दीपों का प्रकाश हमें संकेत देता है मन मंदिर को जगमगाने का तथा उस प्रकाश में सत्य के दर्शन करने का | यह प्रकाश हमेंबोध कराता है --- मानव देह की अमूल्यता का, जाग्रति का तथा जागरूकता का |
जिस प्रकार सूर्योदय हमारी निद्रा कों तोड़कर हमें जागृत कर देता है , कर्म के लिए तत्पर कर देता है , धरा के कण – कण को प्रकाशित कर देता है, उसी प्रकार पवित्रता, शांति, प्रेम, साधना, समर्पण आदि का प्रकाश हमारी जन्म-जन्मान्तरों की सुषुप्ति कों छिन्न - भिन्न कर देता है तथा हमें प्रकाश के स्रोत परमात्मा कि उन्मुख कर देता है |

Deepavali Mahotsav 2019









🌷 *Divine Invitation*🌷

*Deepawali Mahotsav -                       2019*

In the divine presence of * Meditation Guru "ARCHNA DIDI"*, first time on the auspicious day of Dhanteras.

Festival of lights, Deepawali brings rays of hope, positivity every year in our lives.
But in the presence and guidance of a Sadguru, we can connect to our inner light, peace, positivity in each and every moment of our lives, making each moment a festival.

*Meditation Guru "ARCHNA DIDI"* enlightens our soul and removes the darkness of ignorance forever.

On the auspicious occasion of Dhanteras, we are getting an opportunity for the first time to celebrate Deepawali in the divine presence of *"ARCHNA DIDI"* adding spiritual dimensions to the deepawali we generally celebrate.

Dhanteras is an auspicious time to receive the cosmic grace of 
Maha-Lakshmi, the goddess of wealth and abundance and it is a rare opportunity to have Lakshmi-Ganesh pooja and havan in the presence of an enlightened soul.

You are invited with family to enlighten your mind from within this Deepawali.

Special arrangement for prasadam have been made. Kindly receive the grace of Maha-Laxmi through prasadam after the program.

*Program Details:*

*Deepawali Mahotsav- 2019*

( Shri Lakshmi-Ganesh Poojan, Sadguru Darshan, Meditation and Prasadam)

*Friday, 25th October 2019*
( On the auspicious occasion of Dhanteras)

Morning 7AM to 10:00 AM

Venue-TTD, Tirupati Balaji Temple, Pocket J, Type-2, President Estate, Back side of RML Hospital,New Delhi

(Nearest metro station- Ramakrishna Ashram)

9999-303130, 8800-750750



Tuesday, 9 April 2019

Maharaas Dhyaan Saadhna Shivir


The real meaning of Maharaas is : - 

Reaching a stage of Param Aanand in Nritya when the union of a soul takes place with the divine. In simple words "Jeev aur Brhman ka milan".

It is not an ordinary raasleela, it was played by Lord Krishna with his shakti Shree Radha and his inner strengths in the form of Gopis which created a divine leela.

The only way to get the spiritual experience of the Maharas is to sit in the shelter of a perfect soul and get into it by meditation. 

This rare occasion is coming before all of us in the form of - Maharas Sadhana Camp in the Divine Presence of Meditation Guru "ARCHNA DIDI". You are cordially invited to receive the benefits of this golden opportunity. 

Benefits of Maharas Sadhana Camp

- Achieving spiritual pleasure. 
- Freedom from all kinds of fear in life. 
- Freedom from frustration caused by any reason. 
- Awakening of selfless love in the heart. 
- Because of generation of immense energy, Kundalini awakening and  beginning of Divine journey can be experienced. 
- Growth of love in worldly and family affairs. 
- Both mental and spiritual progress can be achieved.

Date :- 18th - 21st April 2019
Time :- 7:00 am to 09:30 am
Venue :- Community Centre,
Bengali Market, New Delhi

Organiser :- Celebrating Life Foundation

For Registration Contact
☎ 8800750750; 9999303130

Wednesday, 13 March 2019

Dhyan Utsav 2019

ਧਿਆਨ ਉਤਸਵ- 2019
" ਸਤਿਕਾਰ ਯੋਗ ਅਧਿਆਤਮਿਕ ਗੁਰੂ  "ਅਰਚਨਾ ਦੀਦੀ " ਦਾ ਜਨਮਦਿਨ  ।।

ਸਿਮਰਨ ਸਾਧਨਾ ਦੀ ਇੱਕ ਅਨਮੋਲ ਸ਼ਾਮ
ਪਰਮਾਤਮਾ ਦੇ  ਇਲਾਹੀ ਫਰਮਾਨ
ਧਿਆਨ ਗੁਰੂ "ਅਰਚਨਾ ਦੀਦੀ " ਦੇ ਨਾਲ !!!

ਗਰੂ  '' ਅਰਚਨਾ ਦੀਦੀ '' ਦੇ ਦੋ ਮਹੀਨੇ ਦੇ ਡੂੰਘੇ ਧਿਆਨ ਸਿਮਰਨ ਤੋਂ ਉਪਰਾਂਤ ਗਰੂ ਦੁਆਰਾ ਪਹਿਲਾ ਸਿਮਰਨ ਸੈਸ਼ਨ !!

ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦੇ ਵੇਰਵੇ:

ਮਿਤੀ: - 27 ਮਾਰਚ 2019
ਸਮਾਂ: - ਸ਼ਾਮ 05:30 ਵਜੇ - 08:30 ਵਜੇ
(ਪੋ੍ਗਰਾਮ ਦੇ ਉਪਰਾੰਤ ਗੁਰੂ ਕਾ ਲੰਗਰ ਅਤੁਟੱ ਵਰਤੇਗਾ )
ਸਥਾਨ: - ਆਰੀਆ ਆੱਡੀਟੋਰੀਅਮ, ਦੇਸਰਾਜ ਪਰਿਸਰ, ਈਸਟ ਆੱਫ ਕੈਲਾਸ਼, ਨਵੀਂ ਦਿੱਲੀ -110065
(ਇਸਕਾੱਨ ਮੰਦਰ ਦੇ ਨੇੜੇ ,
ਨਜ਼ਦੀਕੀ ਮੈਟਰੋ ਸਟੇਸ਼ਨ -- ਕੈਲਾਸ ਕਲੋਨੀ)

ਤੁਹਾਨੂੰ ਇਸ ਬ੍ਰਹਮ ਵਰਕਸ਼ਾਪ ਦਾ ਇੱਕ ਭਾਗ ਬਣਨ ਲਈ ਸਾਹਿਰਦੈ ਸੱਦਿਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ !!!

ਦਰਸ਼ਨਾਭਿਲਾਸ਼ੀ ,
ਟੀਮ ਅਰਚਨਾ ਦੀਦੀ ,
ਸੈਲੀਬਰੇਟਿਂਗ ਲਾਈਫ ਫਾਉੰਡੇਸ਼ਨ
ਟੈਲੀਫ਼ੋਨ: -
ਦਿੱਲੀ: - 91-9999303130, 91-8800750750
ਈਮੇਲ h.h.archnadidi@gmail.com

ਅਰਚਨਾ ਦੀਦੀ ਦੇ ਨਾਲ ਜੁੜਣ ਲਈ

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ਸਪੀਕਿੰਗ ਟ੍ਰੀ :- speakingtree.in/meditation- guru-archna-didi
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Thursday, 28 February 2019

महाशिवरात्रि



महाशिवरात्रि

                        परम श्रद्धेय “ अर्चना दीदी “ का दिव्य संदेश ।

हम में से प्रत्येक व्यक्ति यह मानता है कि कहीं कोई अज्ञात सत्ता, कोई अज्ञात शक्ति है जो इस संपूर्ण सृष्टि को नियंत्रित कर रही है । कहीं न कहीं कुछ रहस्य है, कोई शक्ति है, कोई सत्ता है जो शाश्वत है, जो हमारे मन एवं बुद्धि से परे है ।

यह सृष्टि किसी शक्ति से संचालित है । नदियाँ, पहाड़, वन, अंतरिक्ष आदि – इस विशाल सृष्टि के नियामक है । सृष्टि  में इतने जीव जन्तु हैं – उनका जन्म होता है, वह जीवन धारण करते हैं, फिर मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं । कौन है जो यह व्यवस्था करता है । कौन है वह अज्ञात शक्ति ।

जीवन में बहुत कुछ हमारे हाथ में होता है, हम अपने कर्म एवं परिश्रम से बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हैं किंतु बहुत से आयामों में हम विवश होते हैं, जीवन की बहुत सी ऐसी पहेलियाँ होती हैं जिनका उत्तर हम खोज नहीं  पाते । तब हम उस अज्ञात सत्ता से प्रार्थना करते हैं, हमारा अहंकार विगलित होता है तथा हमारे सिर उसके चरणों में झुक जाता है ।

उस अज्ञात शक्ति को हमने विभिन्न नामों से पुकारा, विभिन्न रूपों में ध्यान किया । उसी एक शक्ति को हम ईश्वर, परमात्मा, भगवान, अल्लाह, खुदा, परमेश्वर, वाहेगुरु आदि विभिन्न नामों से पुकारते हैं । कोई उस सत्ता को निराकार रूप में, प्रकाश स्वरूप में, ज्योति स्वरूप में विश्वास रखता है तो कोई उसे साकार रूप में भजता है ।

वह सत्ता सर्वव्यापक है, सर्वशक्तिमान है, सर्वोच है, सूक्ष्म है वही हमारे जन्म तथा मरण को नियंत्रित करती है । उसे ही हम माता–पिता, भाई बन्धु कहकर पुकारते हैं ।

हिंदू धर्म में उसके जन्म देने वाले स्वरूप को ब्रह्मा, पोषण देने वाले रूप को विष्णु तथा संहारक रूप को महेश कहा गया है | ब्रह्मा – विष्णु – महेश उसी के स्वरूप हैं | भगवान राम, भगवान कृष्ण, माँ दुर्गा आदि अनेक-अनेक देवी देवताओं की पूजा का प्रचलन हिंदू धर्म में हुआ । दूसरी ओर उसके ज्योतिस्वरूप, निराकार व निर्गुण रूप के मानने वाले सम्प्रदाय भी हैं । इसी प्रकार विभिन्न धर्मो में उसके प्रतीक महावीर स्वामी, जीज़स, वाहेगुरु आदि स्वरूपों की पूजा का प्रचलन हुआ।

किसी भी रूप की पूजा करें, किसी का भी ध्यान करें, किसी भी मंत्र का जाप करें, वह शक्ति एक ही है । जल बर्फ के रूप में हो अथवा विष्णु के रूप में, वह जल ही है । इसी प्रकार स्वरूप कुछ भी हो, शक्ति एक ही है । उन्हीं विभिन्न नामों तथा रूपों में एक नाम शिव भी है ।शिव अर्थात कल्याण ।उस शक्ति को, कल्याण करने वाले स्वरूप को हम शिव के रूप में पूजते हैं ।सत्य शिव सुंदर उसी का रूप है । वह सत्य है , परम सत्य है ; शिव अर्थात कल्याण करता  है तथा परम सुंदर, पूर्ण है । उस शिव स्वरूप की  शिवलिंग के रूप में आराधना का विशेष दिवस है शिवरात्रि ।

ईश्वर के विभिन्न रूपों की आराधना का अपना विशेष महत्व है किंतु नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार कुछ तिथियाँ, कुछ दिवस ऐसे होते हैं कि यदि उन तिथियों में ईश्वर के उस विशेष स्वरूप की आराधना की जाए तो उनका विशेष फल होता है | जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की आराधना, नवरात्रों में शक्ति आराधना, बुद्ध जयन्ती के दिन बुद्ध की पूजा, महावीर जयन्ती के दिन महावीर की आराधना ------ इसका अपने विशेष महत्व है | इन दिनों में स्वरूप विशेष की उपासना कर हमे उसके और निकट हो जाते हैं तथा उसकी कृपाओं के पाने के अधिकारी बन जाते हैं |

इसी श्रृंखला में शिवरात्रि के दिन भगवन शिव की उपासना का विशेष महत्व है । उपासना का अर्थ ही है निकट बैठना – उप + आसन । उप अर्थात – निकट आसन अर्थात बैठना । इस विशेष तिथि में श्रद्धापूर्वक जब हम पूजा करते हैं तो ईश्वर के और निकट हो जाते हैं तथा निकट होते ही उसका प्रतिबिम्ब हमारे भीतर  झलकने  लगता है । उस परम सत्ता के गुणों का कुछ अंश हमारे भीतर भी प्रवेश करने लगता है | चेतना की अह्वर्गति होने लगती है |

शिवरात्रि की पावन वेला में, पावन दिवस पर आप सभी के लिए बहुत बहुत आशीर्वाद । आपके जीवन, घर – परिवार में प्रेम शांति तथा प्रसन्नता की वृद्धि हो । आपकी साधना, भक्ति तथा ज्ञान आगे बढ़े । जिस प्रकार शिवलिंग पर कलश के माध्यम से जल की धारा निरंतर अर्पित होती रहती है, उसी प्रकार आपके मन की धारा निरंतर ईश्वर की ओर प्रवाहित हो तथा आप ईश्वर की कृपाओं को पाने के अधिकारी बनें ।